उत्तर प्रदेश की सियासत में राजनीतिक वर्चस्व और दबंगई-गुंडई को आज से नहीं बल्कि हमारे बाबा के बाबा के ज़माने से ही उंचका वाला पायदान हासिल है. अब इसी गुंडई और अपराध का खात्मा करने के लिए उत्तर प्रदेश के बाबा सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीड़ा उठाया है.
और ये वाली बात योगी आदित्यनाथ ने बतौर मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश की लगाम संभालते वक्त ही साफ संकेत दे दिए थे कि अपराधी या तो अपराध छोड़ देगा या यूपी छोड़ देगा. जो जिस भाषा में समझेगा उसे उसी भाषा में समझाया जाएगा.
और इसी के बाद शुरू हो गया ‘ऑपरेशन क्लीन’. इस ऑपरेशन ने एक से बढ़कर एक अपराधियों को ठिकाने लगा दिया. आलम ये है कि ऑपरेशन क्लीन ने आज बदमाशों में पुलिस का खैाफ उत्पन्न कर दिया है. योगी के 3 साल से अधिक के कार्यकाल में यूपी पुलिस ने अब तक 6,126 एनकाउंटर कर दिए हैं.
इन एनकाउंटर्स में प्रदेश में 122 दुर्दांत अपराधियों को मौत के घाट उतार दिया गया. जबकि 2293 बदमाश जख्मी होने के बाद पुलिस की पकड़ में आए. हालांकि, इस कोशिश में 13 पुलिसकर्मी शहीद भी हुए हैं. इनमें से 8 पुलिसकर्मी सिर्फ बिकरू हत्याकांड में ही अपनी जान गंवा बैठे.
अगर एनकाउंटर्स की बात की जाए तो अब तक के योगी राज में सबसे ज्यादा एनकाउंटर मेरठ और आगरा में हुए हैं.
ऑपरेशन क्लीन’ में बदमाशों का सफाया
6126 मुठभेड़ के आंकड़े 20 मार्च 2017 से 10 जुलाई 2020 के बीच के हैं. इस दौरान यूपी पुलिस ने 13,361 अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे भी भेजा. वहीँ 2293 अपराधी ऐसे थे, जिन्हें मुठभेड़ के दौरान गोली लगी और वे घायल हो गए.
योगी राज के ऑपरेशन क्लीन के तहत पुलिस ने विकास दुबे एंड गैंग समेत 122 दुर्दांत अपराधियों को ढेर कर दिया. मुठभेड़ के दौरान 894 पुलिसवाले भी गोली लगने से घायल हुए. जबकि 13 पुलिसकर्मी शहीद हो गए.
एनकाउंटर के मामले में टॉप पर मेरठ और आगरा
योगी राज में सबसे ज्यादा एनकाउंटर मेरठ और आगरा में हुए हैं. मेरठ में कुल 2070 मुठभेड़ों में पुलिस ने 3792 अपराधी गिरफ्तार किए. इनमें से 1159 गोली लगने से घायल हुए, जबकि 59 को पुलिस ने मौके पर ही मार गिराया.
इसके बाद आगरा में 1422 एनकाउंटर्स किए गए. इस दौरान 3693 अपराधी गिरफ्तार हुए, जबकि 134 गोली लगने से घायल हुए. पुलिस ने आगरा में 11 अपराधियों को ढेर कर दिया.
इसके अलावा प्रयागराज में 245 एनकाउंटर में 492 अपराधी गिरफ्तार हुए. जबकि पांच मारे गए. इसी तरह बरेली में 879 एनकाउंटर में 1940 अपराधी गिरफ्तार किए गए. वहीं गोरखपुर में हुई 196 मुठभेड़ों में 462 अपराधी पकड़े गए और चार मारे गए. जबकि कानपुर में 419 मुठभेड़ों में 828 अपराधी गिरफ्तार और 8 ढेर हुए.
अब बात सूबे की राजधानी लखनऊ की. यहां 227 मुठभेड़ में 580 अपराधी गिरफ्तार और 9 ढेर किए गए. लखनऊ कमिश्नरी में 30 एनकाउंटर में 65 गिरफ्तार और दो की मौत हो गई.
इस तरह से उत्तर प्रदेश में ‘ऑपरेशन क्लीन’ से अपराधियों का सफाया धीरे-धीरे शुरू है. और ये कब तक चलेगा. इसका आंकलन फ़िलहाल, तो नहीं ही करना चाहिए.