बॉलीवुड जगत के महान कलाकार ऋषि कपूर इस दुनिया को अलविदा कह गए हैं. अब रह गई हैं, तो बस उनकी यादें और कुछ ख़ास बातें। जिसका ज़िक्र हर किसी के जुबां पर हैं.
वो बातें कुछ अनकही सी हैं, और कुछ अनसुनी भी.
दिग्गज बॉलीवुड अभिनेता ऋषि कपूर के व्यक्तित्व के इतने आयाम हैं कि उन्हें किसी 3 घंटे की फिल्म में समेट पाना बहुत मुश्किल काम होगा. ऋषि कपूर एक कमाल के अभिनेता थे, तो वह एक संवेदनशील पिता भी थे.
वह एक मस्तीखोर शख्स थे, तो वह दाऊद इब्राहिम जैसे डॉन को ना कहने की हिम्मत भी रखते थे. दाऊद से मुलाकात का किस्सा ऋषि कपूर ने अपनी आत्मकथा में बताया था. इस किस्से के बाहर आने के बाद ऋषि कपूर की किताब खुल्लम खुल्ला की बिक्री अचानक से बढ़ गई थी.
किताब में बताया गया था-
ऋषि कपूर कुल मिलाकर 2 बार दाऊद इब्राहिम से मिले थे. पहली दफा साल 1988 में जब दाऊद भारत सरकार से भागता फिर रहा था. दाऊद दुबई में आशा भोंसले-आर.डी. बर्मन नाइट में पहुंचा हुआ था. किताब के मुताबिक, दाऊद का एक जानने वाला फोन लेकर ऋषि के पास आया और कहा कि दाऊद भाई बात करेंगे. दाऊद ने ऋषि कपूर को अपने घर पर इनवाइट किया.
ऋषि कपूर ने लिखा-
वह उस रोज अपने दोस्त के साथ थे. एक चमकती रॉल्स रॉयस में उन्हें उनके दोस्त के साथ पिक किया गया. गाड़ी काफी वक्त तक उन्हें गोल-गोल घुमाती रही ताकि उन्हें दाऊद के ठिकाने तक का रास्ता याद नहीं हो सके. वहां पहुंचे तो ऋषि कपूर और उनके दोस्त को दाऊद ने पिक किया. दोनों को चाय और बिस्किट सर्व किए गए. क्योंकि दाऊद न तो शराब पीता था और न ही परोसता था. दाऊद ने वहां एक मर्डर और फिल्मी दुनिया के काम जैसे टॉपिक्स पर बातें कीं.
जाते वक्त दाऊद ने उनसे कहा कि उन्हें अगर कभी भी किसी भी चीज की जरूरत हो, कितने भी पैसे की जरूरत हो, या फिर कुछ भी तो बेफिक्र होकर मांग लें. हालांकि, ऋषि कपूर ने दाऊद का ये ऑफर ठुकरा दिया था.
दूसरी और आखिरी मुलाकात
दोनों की दूसरी मुलाकात भी दुबई में हुई थी. जब ऋषि कपूर अपनी पत्नी के साथ जूते खरीद रहे थे. तब दाऊद अपने 8-9 बॉडीगार्ड्स के साथ वहीं पर था. उसके हाथ में फोन था. इस बार भी दाऊद ने ऋषि कपूर को ऑफर किया था कि वह उनके लिए कुछ खरीदना चाहता है. लेकिन इस बार भी ऋषि कपूर ने इनकार कर दिया था.