कहानी शाहरुख़ खान और सनी देओल। यानी ‘रोमांस के सरताज’ और ‘ढाई किलो के मुक्केबाज’ की फ़िल्मी कहानी। जोकि रील से रियल में तब्दील हो गई थी. जिसे आज भी लोग यादकर सनी देओल के गुस्से का अंदाज़ा लगाने की पुरज़ोर कोशिश करते हैं. तो आइये इस कहानी की शुरुआत से शुरू से करते हैं.
शाहरुख़ ख़ान. नाम तो सबने सुना ही होगा. वो लड़का जो आज पूरी दुनिया में किंग ऑफ रोमांस के नाम से जाना जाता है. बावजूद इसके कि उसने अपने करियर में ढेरों फिल्मों में निगेटिव किरदार किए. शुरुआत की थी ‘दीवाना’ से और आज सबको अपना दीवाना बनाकर छोड़ दिया. एक वक़्त ऐसा भी आया कि जो फिल्में सब एक्टर करने से इंकार कर देते वो शाहरुख को मिलती. वो उसमें पूरी शिद्दत झोंक देते. ऐसी ही एक फिल्म थी ‘डर’. इसे स्टॉकिंग की बाइबिल कहा जा सकता है. ‘डर’ 24 दिसंबर, 1993 को रिलीज़ हुई थी. फिल्म से जुड़ी कुछ खास बातें और किस्से हम आपके लिए लाए हैं. एक दफ़ा नज़र मार लीजिए:
इस फिल्म की कास्टिंग को लेकर बहुत लफड़ा हुआ था. सनी देओल तो बड़े स्टार थे. उन्हें डायरेक्टर ने पहले ही राहुल मेहरा और सुनील मल्होत्रा में से एक किरदार चुनने को बोल दिया. जिसमें सनी ने पॉजिटिव वाला कैरेक्टर चुन लिया. सुनील का. अपनी रियल लाइफ इमेज के चक्कर में कोई भी एक्टर राहुल वाला किरदार नहीं करना चाहता था. पहले ये रोल ऑफर हुआ था संजय दत्त को. लेकिन उनका जेल का कार्यक्रम बन पड़ा. अगला ऑफर अजय देवगन को गया लेकिन उनके पास डेट नहीं थी.
अंत में यश चोपड़ा ने फिल्म के लिए आमिर ख़ान और दिव्या भारती को चुन लिया. उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वो पहले आमिर के साथ ‘परंपरा’ में काम कर चुके थे. आमिर के तमाम नखरे थे. उन्हें फिल्म में दिव्या भारती के बदले जूही चावला चाहिए थीं. डायरेक्टर ने वो भी किया. अब आमिर का कहना था कि एक सीन में सनी देओल का किरदार उन्हें पंच पे पंच मारे जा रहा है, जो उन्हें कतई मंज़ूर नहीं है. आख़िरकार आमिर ने ये फिल्म छोड़ ही दी. थक-हारकर यश चोपड़ा ने अपनी फिल्म के लिए इंडस्ट्री में कदम जमाने की कोशिश कर रहे शाहरुख़ ख़ान को साइन कर लिया.
फिल्म ‘डर’ का आइडिया यश चोपड़ा को उनके बेटे उदय और एक्टर रितिक रोशन ने दिया था. दोनों ने साथ में निकोल किडमैन की हॉलीवुड फिल्म ‘Dead Calm’ (1989) देखी थी. जो कमोबेश इसी थीम पर थी. उदय को ये फिल्म बहुत पसंद आई. उन्होंने अपने बड़े भाई आदित्य को भी दिखाई. वो भी इंप्रेस हो गए. बात अब ऊंचे लेवल पर होने लगी और पापा तक पहुंच गई. पापा ने तय किया कि इस विषय पर फिल्म बनेगी.
फिल्म का नाम उसकी लीडिंग लेडी के नाम पर होगा ‘किरन’. उस वक्त रितिक रोशन भी अपनी एक शॉर्ट फिल्म बना रहे थे. नाम रखा था ‘डर’. ये नाम यश चोपड़ा की फिल्म के सब्जेक्ट से भी बहुत मैच हो रहा था. यश अपनी फिल्म का भी यही नाम रखना चाहते थे. लेकिन एक पेंच फंस रहा था. रामसे ब्रदर्स ने अपनी आनेवाली किसी भूतहा फिल्म के लिए ये नाम रजिस्टर करवा रखा था. यश चोपड़ा के कहने पर उन्होंने ये नाम इस्तेमाल करने की इजाज़त दे दी. मतलब शाहरुख़ को सुपरस्टार बनाने वाली फिल्म में मसाला रितिक रोशन ने भी दिया था.
सनी देओल वैसे तो बड़े सौम्य इंसान हैं लेकिन उनका गु्स्सा भी जगजाना है. उनके इसी गुस्से से जुड़ा एक वाकया ‘डर’ फिल्म की शूटिंग के दौरान हुआ था. हुआ यूं कि एक सीन में शाहरुख़ ख़ान सनी को चाकू मारने वाले थे. ये डायरेक्टर का आदेश था. जबकि सनी की इस सीन को लेकर यश चोपड़ा से काफी बहस हुई थी. उनका कहना था कि फिल्म में वो एक कमांडो हैं. बिल्कुल फिट हैं. उन्हें एक लड़का आकर चाकू मार देगा, तो फिर वो कमांडो किस काम के हैं! अब डायरेक्टर ने कहा था तो शूट करना ही था.
इस सीन को शूट करने के दौरान सनी बहुत गुस्से में थे. इसी गुस्से में उन्होंने अपने दोनों हाथ अपनी जेब में डाल लिए. लोग बताते हैं कि उनका चेहरा बिल्कुल तमतमा रहा था और गुस्से में बांधी गई मुट्ठी ने उनके पैंट की दोनों जेबें फाड़ दी थीं. इसके बाद सेट पर मौजूद सभी लोग सनी के आस-पास फटकने से भी कतराने लगे. इसे सनी ने अपने एक इंटरव्यू में कबूल भी किया है. सनी का कहना है कि उनके साथ इस फिल्म में ज़्यादती हुई थी. जैसे उनका किरदार पेपर पर लिखा गया था, उसे उससे अलग तरीके से शूट किया गया. उनका ये भी मानना था कि फिल्म में उनसे ज़्यादा शाहरुख़ के किरदार पर फोकस किया गया. ‘डर’ के बाद सनी ने ना तो यशराज के साथ कोई फिल्म की ना ही शाहरुख़ के साथ.
हां… इस फिल्म में शाहरुख़ खान की एक्टिंग को खूब सराहा गया था. इसके बाद ही शाहरुख़ के स्टारडम को नई ऊंचाइयां मिलने लग गईं.